repeat breeding in cattle in hindi

repeat breeding in cattle in hindi। repeat breeding in hindi। repeat breeding in cattle treatment।

क्या किसान भाइयों आपके पालतू पशु (गाय) ग्याभिन नहीं होती है क्या आपको ऐसी दिक्कतें बहुत समय से आ रही हैं तो आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे हमारे किसान भाइयों की सबसे बड़ी समस्या repeat breeding in cattle in hindi या repeat breeding in hindi या repeat breeding in cattle treatment के बारे में अथवा रिपीट ब्रीडिंग की समस्या से कैसे निजात पाएं या पशु ग्याभिन कैसे करें ( pashu gyabhin kaise kare) के बारे में।

जब से हमारे यहां ये क्रॉस गायें आई हैं जैसे जर्सी, हैंपशायर, आदि तब से repeat breeding शब्द बहुत चलन में है जब हमारे पास देशी गाय होती थीं तब हमें कोई दिक्कत नहीं होती थी लेकिन जब से यह विलायती गाय आई हैं तब से इनके भोजन संबंधी इनके मौसम संबंधी कई समस्याएं उत्पन्न होने लगी हैं क्योंकि जिस हिसाब से इसको भोजन वगैरह चाहिए वो हम देने में कहीं न कहीं असफल हो जाते हैं और इसका जिस हिसाब समय मेंटेन करना होता है विशेषकर ट्रांजेक्शन पीरियड जो शुरुआत के तीन सप्ताह से बाद के तीन सप्ताह तक का समय होता है अगर हम उसको अच्छे से मेंटेन नहीं कर पाते हैं।

अधिकतर हमें सबसे ज्यादा परेशानी तब आती है जब या तो पशु का बच्चा फश जाता है या जेर नहीं फेंकी होती है इसमें अक्सर कर सभी लोग छोटी छोटी गलतियां करते हैं जैसे कि हम गांव के ही किसी व्यक्ति को बुलाते हैं और वह बिना किसी सुरक्षा के पशु की बच्चादानी में हांथ डाल देता है तो इसके लिए आपको यह याद रखना होगा कि हांथ डालने से पहले हांथ को अच्छे से धोना चाहिए और पशु डॉक्टर ग्लव्स को भी पहनना चाहिए क्योंकि repeat breeding की दिक्कत इन्हीं कुछ कारणों से हो जाती है।

क्योंकि आप लोग अक्सर यह भी करते हैं कि आपने बच्चा भी निकलवा लिया होता है और जेर भी साफ करा ली होती है लेकिन बच्चादानी में दवाई डलवाना भूल जाते हैं आपको सफाई कराने के बाद यह गलती नहीं करनी चाहिए। और सब सफाई करवाने के बाद दवाई पड़वाने के बाद आपको लगभग 20 दिन के बाद तक यह चेक करते रहना चाहिए कि कहीं पशु से कोई मलबा या सफेद रंग के पदार्थ से गंध तो नहीं आ रही है।

यह भी पढ़ें:- अप्रैल में बोई जाने वाली फसल। april me boi jane wali sabji।

अगर ऐसा हो रहा है तो इसका मतलब यह है कि पशु की बच्चादानी से पश आ रहा है और यह भी एक बहुत बड़ा कारण माना जाता है जिसके कारण repeat breeding की दिक्कत आती रहती है

क्योंकि अगर बच्चादानी से पश आ रहा है तो पशु की बच्चादानी खुली है इस स्थिति में आपको पशु डॉक्टर को बुलाकर 3 से 4 दिन तक पशु की बच्चादानी की सफाई करवाकर दवाई डलवाना चाहिए लेकिन ऐसी परिस्थितियों में अगर आप सफाई करवाकर दवाई नहीं पड़वाते हैं तो कुछ दिनों में बच्चादानी बंद हो जाएगी और पश बच्चादानी में ही सूख जाएगा और इसके बाद पशु जब गर्म होगा तो वह बोलेगा लेकिन वह रुकेगा नहीं।

अगली बात यह है कि जब आपका बच्चा निकल गया हो और जेर निकल गई हो तो कुछ टॉनिक आते हैं जिन्हें आपको कम से कम 15 दिन तक अपने पशु को देनी चाहिए क्योंकि टॉनिक देने से अंदर की सारी की सारी गंध बाहर आ जाती है।

यह भी पढ़ें:- bhindi ki kheti। भिंडी की खेती। okra ki kheti।

कभी कभी ऐसा भी होता है कि आप सही से पशु की बच्चादानी की सफाई कराकर दवाई पड़वा देते हैं लेकिन तब भी repeat breeding की दिक्कत लगातार आती रहती है सफाई कराने ले बाद अगर 2 से अधिक रिपीट बीडिंग की दिक्कत आए तो अगली बार पशु डॉक्टर को बुलाकर पशु की बच्चादानी की अच्छे से सफाई करवाकर और दवाई डलवाकर जब अगली बार पशु हीट पर आए तो पशु को उस हीट पर छोड़ देना चाहिए और जब उसके अगली बार हीट पर आए तो उसे cross breed करवाना चाहिए। और पशु डॉक्टर से सलाह लेकर कुछ हार्मोन्स की थेरेपी करवा देनी चाहिए आप जब यह सब करवा लेते हैं और आपको repeat breeding की दिक्कत से निजात मिल जायेगी।

विशेष जानकारी:-

अगर आप कृषि से संबंधित सभी योजनाओं की जानकारी, कृषि खबरों की जानकारी और फसलों तथा पशुओं से संबंधित जरूरी जानकारी व्हाट्सएप पर पाना चाहते हैं तो स्क्रीन में नीचे सीधे तरफ व्हाट्सएप की बटन पर क्लिक करके व्हाट्सएप मैसेज भेजें और मैसेज में अपना नाम भेजें।

यह भी पढ़ें:-bayer confidor। bayer confidor pesticide। फायदे और नुकसान तथा उपयोग।

इस ब्लॉग पोस्ट में हमनें बात की कि repeat breeding in cattle in hindi या repeat breeding in hindi या repeat breeding in cattle treatment अथवा पशु ग्याभिन कैसे करें (pashu gyabhin kaise kare) के बारे में।

तो किसान भाईयों कृषि से संबंधित सभी जानकारियां सबसे पाने के लिए लाल रंग की घंटी को क्लिक करके subscribe करें और वीडियो देखने के लिए यूट्यूब पर krishakjan को सब्सक्राइब करें। तथा आप हमें गूगल news पर भी फॉलो कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई व्हाट्सएप की बटन पर क्लिक करके सम्पर्क करें.

यह भी पढ़ें: साहीवाल गाय की पहचान और साहीवाल गाय का दूध

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
हैलो
हैलो