19 July 2024: भारत में आज का मौसम। Aaj Ka Mausam Kaisa Rahega

19 July 2024: भारत में आज का मौसम। Aaj Ka Mausam Kaisa Rahega

यहां भारत के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के लिए अनुमानित मौसम का विवरण है, जिसमें हल्की, मध्यम और भारी बारिश की संभावना दी गई है, इस लेख में हम देखेंगे कि कल को भारत के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में मौसम कैसा होने वाला है और बारिश के कारण फसलों के नुकसान से बचने के लिए किसान कौन-कौन सी सावधानियां अपना सकते हैं।

  1. उत्तरी क्षेत्र:

           जम्मू और कश्मीर: भारी बारिश की संभावना है।

हिमाचल प्रदेश: मध्यम से भारी बारिश के आसार हैं।

पंजाब: हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

उत्तराखंड: मध्यम से भारी बारिश के आसार हैं।

हरियाणा: हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

           दिल्ली: हल्की बारिश की संभावना है।

  1. पूर्वी क्षेत्र:

उत्तर प्रदेश: मध्यम से भारी बारिश के आसार हैं।

बिहार: मध्यम से भारी बारिश के आसार हैं।

झारखंड: मध्यम बारिश की संभावना है।

पश्चिम बंगाल: मध्यम से भारी बारिश के आसार हैं।

ओडिशा: मध्यम से भारी बारिश के आसार हैं।

  1. दक्षिणी क्षेत्र:

महाराष्ट्र: मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।

कर्नाटक: मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।

तेलंगाना: मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।

आंध्र प्रदेश: मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।

तमिलनाडु: मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।

केरल: मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।

  1. पश्चिमी क्षेत्र:

राजस्थान: हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

गुजरात: हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

मध्य प्रदेश: मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।

  1. मध्य क्षेत्र:

मध्य प्रदेश: मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।

छत्तीसगढ़: मध्यम बारिश की संभावना है।

कृषि क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय

बारिश के नुकसान से बचने के लिए किसान निम्नलिखित सावधानियां अपना सकते हैं:

  1. खेत की ड्रेनेज की सुधार: खेतों में अच्छी ड्रेनेज सुनिश्चित करने से पानी का स्तब्ध होना कम होता है और फसलों को पानी से नुकसान कम होता है।
  2. समय पर खेत में उपयुक्त खाद डालना: अच्छी खाद से फसलों की प्रतिरक्षा बढ़ती है और उन्हें पानी से बचाती है।
  3. बारिश से बचाव के लिए पोर्च: खेतों में बारिश से बचाव के लिए छत या पोर्च बनाने से फसलों को सुरक्षा मिलती है।

फसलों के लिए बारिश संवेदनशील उपकरण का उपयोग: जैसे कि पोर्च या खेतों में पानी के इकट्ठे होने पर सिंचाई युक्तियाँ बदलना।


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