Nili Ravi Buffalo

Nili Ravi Buffalo। नीली रावी भैंस की पहचान और उपयोगिता

Nili Ravi Buffalo: मित्रों भैंसें हमारे जीवन में कितना उपयोगी हैं ये हम सब जानते ही हैं भैंसों के दूध से ही अधिकतर घी जैसे फैट के पदार्थ बनाए जाते हैं क्योंकि भैंसों के दूध में गायों के दूध के मुकाबले अधिक फैट होता है Krishakjan के द्वारा पहले ही कई ब्लॉग में अधिक फैट के दूध वाली भैंसों के बारे में विधिवत जानकारी दी गई है लेकिन आज के इस पोस्ट में हम एक और भैंस की अच्छी प्रजाति (Nili Ravi Buffalo) के बारे में विधिवत जानकारी प्राप्त करेंगे इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें.

Nili Ravi Buffalo के लक्षण या पहचान

नीली रावी भैंस के सिर का ऊपरी भाग उत्तल होता है, एक रेखा टाइप की इसे दो भागों में बांटती है और इनका ललाट धंसा हुआ होता है इनका चेहरा सुंदर होता है इसके साथ ही इस प्रजाति के कुछ पशुओं में सफेद निशान पाए जाते हैं जबकि कुछ में ऐसा नहीं भी होता है अगर बात करें नथुनों की तो इनके नथुने चौड़े चौड़े होते हैं.

नीली रावी भैंसों में आँखें प्रमुख और चमकीली होती हैं, इनके कान मध्यम आकार के और नुकीले होते हैं और इनके सींग छोटे और मोटे मुड़े हुए होते हैं तथा इनकी गर्दन पतली होती है वहीं अगर बात की जाए पूंछ की तो जमीन तक लटकती हुई इनकी पूंछ होती है और इनके पैर सीधे और छोटे छोटे होते हैं और इनकी पीठ भी सीधी होती है तथा इसके साथ मजबूत और चौड़ी होती है और सबसे जरुरी बात इनके अयन पूरी तरह विकसित होते हैं, स्तन लंबे और एक से तथा दूर दूर होते हैं.

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Nili Ravi Buffalo की उपयोगिता

नीली रावी भैंसें दुधारू होती हैं और एक ब्यांत में इनका औसत दुग्ध उत्पादन 1600 से 1800 किलोग्राम तक होता है और अगर बात की जाए फैट प्रतिशत की तो इस नस्ल की भैंसों के दूध में फैट का प्रतिशत 10 प्रतिशत से अधिक ही रहता है इस दृष्टि से तो यह Murrah Buffalo (मुर्रा भैंस) से भी उत्तम है.

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Nili Ravi Buffalo प्राप्य स्थान

इस नस्ल का मूल स्थान पंजाब की सतलज घाटी है और इसके साथ ही नीली रावी नस्ल के पशु उत्तर प्रदेश के बरेली, मुरादाबाद, रामपुर जिलों में भी बहुत संख्या में मिल जाते हैं.

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नीली रावी पशु नीचे दिए गए पशु फार्मों पर रखे जाते हैं.

  • सैनिक डेयरी फार्म, फिरोजपुर, पंजाब
  • भैंस प्रजनन स्टेशन, नाभा, पंजाब
  • बुल मदर फार्म तथा एक्सोटिक पशु फार्म, लुधियाना, पंजाब

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