Murrah Buffalo

Murrah Buffalo। मुर्रा भैंस के लक्षण, उपयोगिता और पहचान

मित्रों यह हम सब जानते हैं कि भैंसें हमारे कृषि जीवन में कितनी अहम भूमिका निभाती हैं और ये जो दूध देती हैं उसका अच्छा मूल्य भी लगता है क्योंकि इनके दूध में फैट प्रतिशत गायों के मुकाबले ज्यादा होता है.

जब बात होती है भैंसों की तो उनमें भी कुछ ही अच्छी नस्लें होती हैं जिनसे हमें अच्छा रिटर्न मिल पाता है तो ऐसी ही एक भैंस है मुर्रा भैंस; जिस तरह गायों में साहीवाल नस्ल को अधिक पसंद किया जाता है उसी तरह भैंसों में Murrah नस्ल को अधिक पसंद किया जाता है. तो आइए इस पोस्ट में हम Murrah Buffalo या मुर्रा भैंस के बारे में हर एक जानकारी जानते हैं और अंत में यह भी जानेंगे कि आप इसको कहां से खरीद सकते हैं और कहां पर आपको सबसे शुद्ध नस्ल मिलेगी इसलिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना बहुत जरुरी है.

Murrah Buffalo

Murrah Buffalo: यह भैंस की सबसे महत्वपूर्ण नस्ल है लगभग पूरे उत्तर भारत में इस नस्ल को दूध और घी के लिए पाला जाता है और यही नहीं, अब तो देश के अन्य भागों में मुर्रा नस्ल की भैंसों को स्थानीय नस्लों में पशुओं को सुधारने के काम में लाया जा रहा है.

Murrah Buffalo के शारीरिक लक्षण

मुर्रा नस्ल के पशु स्याही रंग के होते हैं लेकिन इनके सिर, पैर और पूंछ पर सुनहरे रंग के बाल पाए जाते हैं इन पशुओं का सिर छोटा होता है और जो सींग होते हैं वो छल्ले के आकार में मुड़े होते हैं. इनका अयन सुविकसित होता है और पिछला भाग भी अच्छा खासा सुविकसित होता है तथा इनकी पूंछ भी लंबी होती है.

Murrah Buffalo का दूध प्रोडक्शन

मुर्रा भैंस में पहली ब्यांत की आयु लगभग 42 से 44 महीने है. इस नस्ल की भैंसों ने एक ब्यांत में लगभग 4600 किलोग्राम तक दूध दिया है इस नस्ल का औसत दूध का उत्पादन 1700-1800 किलोग्राम प्रति ब्याँत है लेकिन इस नस्ल की कोई कोई भैंस 18 किलोग्राम दूध प्रति दिन तक देती है.

यह भी पढ़ें: Bhadawari Buffalo or Bhains। भदावरी भैंस के लक्षण – पहचान और उपयोगिता

Murrah Buffalo की पहचान

  • इनमें चौड़ा, थोड़ा सा विशिष्ट ललाट होता है.
  • इनमें विशिष्ट, चंचल और चमकीले नेत्र पाए जाते हैं.
  • इनके कान छोटे छोटे होते हैं जो कि पतले और निलंबी होते हैं.
  • चमकदार मुड़े हुए सींग होते हैं.
  • भैंसों में गर्दन पतली और लंबी होती है.
  • इनके शरीर पर छोटे और छितरे काले बाल पाए जाते हैं.
  • छोटे छोटे सीधे पैर होते हैं जिनके खुर काले रंग के होते हैं.
  • भैंसों के शरीर का आगे का भाग हल्का और पतला होता है और पीछे का भाग भारी और चौड़ा होता है इस तरह इनका शरीर वैजरूपी दिखाई पड़ता है.
  • इनकी पीठ चौड़ी और लंबी जो सामने की ओर ढालू तथा पतली होती है.
  • इनमें टखनों तक लटकती हुई लंबी, पतली और लचीली पूंछ जिसके सिरे पर सफेद गुच्छा होता है.
  • इनका अयन पूरी तरह विकसित होता है जिसपर टेढ़ी मेढ़ी दूध की शिराएं होती हैं इनका अयन आगे और पीछे दोनों ओर फैला होता है इनके स्तन लम्बे लम्बे और दूर दूर स्थित होते हैं और आगे के स्तनों की अपेक्षा पीछे के स्तन लम्बे होते हैं.
  • इनकी त्वचा पतली, मुलायम, चिकनी और कम बालों वाली होती है.

अब सबसे मुख्य बात यह आती है कि आपको यह भैंस बिल्कुल शुद्ध रूप में कहां मिलेंगी, तो आइए जानते हैं.

यह भी पढ़ें: महिलाओं के लिए नई रोशनी योजना का उद्देश्य, लाभ और विशेषताएं

Murrah Buffalo का प्राप्य स्थान

मुर्रा भैंस का मूल स्थान पंजाब का दक्षिणी भाग और दिल्ली है हरियाणा के रोहतक, करनाल, हिसार और गुड़गांव जिलों, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जींद, नाभा और पटियाला नाम की पहले की रियासतों में मुर्रा नस्ल के पशु बड़ी संख्या में शुद्ध रूप में पाए जाते हैं. और राजस्थान के जिला गंगानगर में नाली के एरिया (घाघरा बेल्ट) में भी मुर्रा के शुद्ध पशु मिलते हैं.

यह भी पढ़ें: पपीता की खेती कैसे करें। पूरी जानकारी

नीचे वह (फार्म) स्थान दिए गए हैं जहां पर मुर्रा नस्ल के पशु रखे जाते हैं.

  • इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, इज्जतनगर, उत्तर प्रदेश
  • पशु प्रजनन फार्म, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
  • राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा
  • राजकीय पशुधन फार्म, हिसार, हरियाणा
  • पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, पंजाब
  • पशु प्रजनन फार्म, राँची, झारखंड
  • पशु प्रजनन फार्म, दुर्ग, मध्य प्रदेश
  • पशुधन फार्म, हैसरघटा, बंगलौर

किसान मित्रों उम्मीद है कि, आपको हमारे द्वारा दी गई Murrah Buffalo (मुर्रा भैंस) पर जानकारी पसंद आई होगी. ऐसी ही और भी कृषि – पशुपालन से संबंधित जानकरियां सबसे पहले पाने के लिए लाल रंग की घंटी को क्लिक करके सब्सक्राइब करें.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
हैलो
हैलो