Why called moringa is superfood

क्यों कहते हैं सहजन या मोरिंगा को SUPERFOOD?

मित्रों क्या आपने कभी सहजन को भोजन के रुप में प्रयोग किया है? अगर हां तो सहजन के किस भाग को आपने खाया है! सहजन के पौधे के सभी भागों को किसी न किसी रूप में प्रयोग किया जाता है इसलिए इसे सुपरफूड कहा जाता है और ऐसा इसलिए भी है क्योंकि सहजन मिनरल्स और विटामिंस का प्रमुख सोर्स भी है, तो आइए जानते हैं की क्यों कहा जाता है सहजन को सुपरफूड.

सहजन का विश्व में स्थान

विशेषज्ञों की मानें तो सहजन का मूल स्थान या जन्म स्थान भारत ही है लेकिन इसे केवल भारत में ही नहीं उगाया जाता है बल्कि इसे भारत सहित फिलीपींस, हवाई, मैक्सिको, श्रीलंका और मलेशिया जैसी जगहों पर खूब उगाया और खाया जाता है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सहजन की फलियां लंबी, पतली और हरे रंग की होती हैं.

सहजन का भारत में उपयोग

अगर बात करें इसके भारत में उपयोग की तो इसको भोजन सहित औषधि, बिजनेस आदि में भी प्रयोग किया जाता है. उत्तर भारत में इसके फलियों को भोजन और अचार आदि के रुप में उपयोग करते हैं जबकि दक्षिण भारत में इसकी पत्तियों, फूलों, फलियों का उपयोग विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थ बनाने में करते हैं.

Sahjan plant

सहजन में पोषक तत्व

आपको बता दें कि सहजन में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसमें संतरे से लगभग 7 गुना ज्यादा विटामिन सी और दूध से करीब 4 गुना ज्यादा पोटैशियम पाया जाता है और इसके साथ ही सहजन में कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, जल, विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैग्नीज, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे तत्व भी पाए जाते हैं.

सहजन का बिजनेस में उपयोग

सहजन को मल्टीपरपज भी कहा जाता है क्योंकि यह भोजन के साथ बिजनेस में भी अपनी अहम भूमिका निभाता है जिसमें यह कपड़ा और कागज उद्योग में भी स्थान रखता है इसके साथ ही इससे पाउडर, कैप्सूल, तेल और बीज आदि प्राप्त करके इसे देश और विदेशों में बेचा जाता है.

सहजन का औषधि उपयोग

एक रिपोर्ट के मुताबिक सहजन में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं और सहजन को; करीब 300 छोटी बड़ी बीमारियों की दवाओं में प्रयोग किया जाता है जो कि एक बहुत बड़ी संख्या है.

अब हम यह जान और पहचान चुके हैं कि सहजन या मोरिंगा हमारे लिए कितना उपयोगी है इसलिए कम से कम हमें अपने आस पास कुछ पौधे सहजन के जरुर ही लगाने चाहिए. यहां सहजन को उगाने (सहजन या मोरिंगा की खेती) की जानकारी दी गई है जिसे पढ़कर आप भी सहजन उगा सकते हैं.

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