Moringa ki kheti

सुपरफूड: सहजन की खेती। मोरिंगा की खेती कैसे करें

सहजन जिसे सुपरफूड कहा जा रहा है सहजन सबसे पहले भारत में ही उगा था सहजन को भोजन के अलावा दवाओं और बिजनेस में प्रयोग किया जाता है क्योंकी सहजन में पोषक तत्व और विटामिंस काफी मात्रा में पाए जाते हैं और इसमें लगभग दूध से 4 गुना ज्यादा पोटैशियम और संतरे में 7 गुना अधिक विटामिन सी पाई जाती है.

सहजन को कम उपयोगी भूमि और कम पानी वाली भूमियों में भी आसानी से उगाया जाता है अब सहजन के कई सारे उपयोगों को देखते हुए कई किसान इसकी खेती करके लाखों की कमाई कर रहे हैं तो आप क्यों नहीं! तो आइए जानते हैं कि सहजन या मोरिंगा की खेती कैसे करें?

सहजन की खेती के लिए उचित तापमान

सहजन लगभग 25 से 30 डिग्री सेल्सियस ताप पर आसानी से ग्रो करता है और यह ठंडा तापमान भी सह सकता है लेकिन पाला इसकी बढ़ोतरी पर गलत प्रभाव डाल सकता है और अगर तापमान 40 डिग्री से अधिक होता है तो सहजन के फूल झड़ने लगते हैं अगर कभी अधिक वर्षा भी हो जाती है तो मोरिंगा पर उसका गलत प्रभाव नहीं पड़ता है.

सहजन की खेती के लिए मिट्टी

वैसे तो सहजन को कैसी भी भूमि पर उगाया जा सकता है जैसे कम उपजाऊ भूमि पर भी! लेकिन व्यवसायिक खेती करने के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है जिसमें अच्छा प्रकाश आता हो और जल निकास की सुविधा हो तथा जिस मिट्टी का pH मान करीब 6 से 7.5 के बीच हो.

Sahjan plant

सहजन की उन्नत किस्में

अगर सहजन की खेती के लिए उन्नत किस्मों की बात करें तो उनमें से कोयंबटूर 1 और कोयंबटूर 2 सहित पीकेएम 1 और पीकेएम 2 जैसी किस्में आती हैं जिनसे एक वर्ष में दो बार तुड़ाई कर सकते हैं पहली तुड़ाई फरवरी – मार्च में और दूसरी तुड़ाई सितंबर – अक्टूबर में ले सकते हैं.

सहजन की बुवाई और सिंचाई

सबसे पहले खेत की जुताई करके खेत को साफ कर लिया जाता है उसके बाद करीब 2.5 मीटर की दूरी पर 45 सेमी• के गढ्ढे खोद लेने चाहिए जिसमें 10 किलो गोबर की सड़ी हुई खाद को प्रत्येक गढ्ढे में डालना चाहिए.

आप सहजन को सीधे खेत में बो सकते हैं या नर्सरी में लगाकर भी बो सकते हैं अगर खेत कम उपजाऊ हो, तो जरुर ही नर्सरी में तैयार पौध को खेत में रोपें और नर्सरी में पौधे पॉलीथीन बैग में ही तैयार करने चाहिए. लगभग 1 हेक्टेयर के लिए 500 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है.

बीज को बोने के 30 दिनों बाद पौधे लगभग 1 से 1.5 फीट हाइट के हो जाते हैं और उन्हें खेत में रोपा जा सकता है इसके अलावा गर्मियों के मौसम में प्रति पौधा करीब 12 से 15 लीटर पानी की आवश्यकता होती है.

जब पौधे की ऊंचाई लगभग 75 सेमी• की हो जाए तो उसकी खूंटनी कर देनी चाहिए जिससे पौधा ज्यादा लंबा न हो और उसमें कई शाखाएं निकल आएं जिससे उसकी उपज बढ़ सके.

यह भी पढ़ें: पीएम किसान की 15वीं किस्त की तारीख। PM kisan 15th installment date

सहजन की खेती के लिए खाद

सहजन की खेती करने के लिए करीब रोपाई करते समय 100 ग्राम यूरिया, 100 ग्राम सुपर फास्फेट और 50 ग्राम पोटाश प्रति गढ्ढा देनी चाहिए और रोपाई के तीन महीने बाद करीब 100 ग्राम यूरिया प्रति गढ्ढा दोबारा देनी चाहिए.

यह भी पढ़ें: ड्रोन उपयोग करने से पहले ध्यान दें ये बातें। ड्रोन उपयोग के नियम

सहजन की तुड़ाई और उपज

जैसा कि हम जानते ही हैं कि सहजन की तुड़ाई वर्ष में करीब दो बार की जाती है तो जब पौधे बुवाई के 90 से 100 दिनों के बाद करीब 4 से 6 मीटर ऊंचाई के हो जाते हैं तो उनमें फूल आने लगते हैं और बुवाई के करीब 160 से 170 दिनों बाद उनमें फल आने लगते हैं.

अब अगर सहजन की उपज की बात करें तो एक पौधे से करीब 40 से 50 किलोग्राम सहजन की फलियां प्राप्त होती हैं.

यह भी पढ़ें: क्यों कहा जाता है सहजन या मोरिंगा को SUPERFOOD?

हमारी सलाह

सहजन के पौधे की 75 सेमी की ऊंचाई पर खूंटनी जरुर कर देनी चाहिए और सहजन की तुड़ाई तब कर लेनी चाहिए जब इसकी फलियों में रेशा न हो क्योंकि फलियों में रेशा पड़ने से फलियों का बाजार भाव कम हो जाता है.
ऐसी ही कृषि से संबंधित सभी नई जानकारियां सबसे पहले पाने के लिए हमसे व्हाट्सएप पर भी जुड़ें.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
हैलो
हैलो