यूरिया खाद नाइट्रोजन का एक ठोस स्रोत है जैसा कि हम सभी जानते ही हैं कि भारत की मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की अधिक जरूरत होती है इसलिए नाइट्रोजन की जरूरत को मुख्य रूप से यूरिया से ही पूरा किया जाता है. क्योंकि यूरिया में 46 प्रतिशत नाइट्रोजन की मात्रा पाई जाती है.
यूरिया खाद का उपयोग
यूरिया को जब हम खेतों में डालते हैं तो 100 किलोग्राम यूरिया खाद से खेतों को 46 किलोग्राम नाइट्रोजन की प्राप्ति होती है जिससे फसलें नाइट्रोजन की पूर्ति करती हैं. यूरिया को बुवाई के साथ ही खड़ी फसल में भी दिया जाता है.
फसल के कुल नाइट्रोजन के उपयोग का आधा हिस्सा फसल बोते समय देना चाहिए और बचे हुए आधे हिस्से को 2 बार में, 20 और 40 दिनों के अंतर से; फसल बोने के बाद देनी चाहिए.
यूरिया खाद के फायदे
यूरिया को फसल में देने से नाइट्रोजन की कमी को पूरा किया जाता है.
यूरिया खाद के नुकसान
यूरिया को जब जरूरत से ज्यादा उपयोग किया जाता है तो यह खेत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. जब यूरिया को पौधों की जड़ों के बिल्कुल पास ही दिया जाता है तो यह फसल को लाभ की बजाय नुकसान में पहुंचा सकता है.
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यूरिया का फार्मूला
अगर यूरिया के केमिकल फॉर्मूला या रासायनिक सूत्र की बात करें तो इसका फॉर्मूला है: CH4N2O.
यूरिया खाद रेट
अगर इस समय के यूरिया खाद रेट की बात करें तो वह ₹266.50 रूपये है.
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