केन्द्र सरकार की ये 7 योजनाएं हर किसान को जानना चाहिए।

किसान भाईयों आज हम आप लोगों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी लेकर आए हैं जिससे आप इन योजनाओं की जानकारी लेकर इनका लाभ ले सके। तो आइए जानते हैं इन योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी।

केन्द्र सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए कई तरह से प्रयास कर रही है। इसके लिए किसानों को जानकारी मुहैया कराने, सरकारी मदद पहुंचाने, खेतों की उपज बढ़ाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम और योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं के जरिये किसानों को कई प्रकार से मदद मिल रही है। किसानों के खाते में सरकारी आर्थिक मदद अब सीधे पहुंच रही है. आइए जानते हैं, केंद्र सरकार की ऐसी 7 योजनाओं के बारे में!

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना:-

इस योजना की शुरूआत साल 2019 में की गई की। इस योजना के अंतर्गत छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिनके पास 2 हेक्टेयर (4.9 एकड़) से कम भूमि हो। इस योजना के तहत सभी किसानों को आर्थिक सहायता के रूप में प्रति वर्ष 6 हजार रूपया मिल रहा है। इसमें 2000 रुपये की तीन किस्त किसान के खाते में सीधे भेजी जाती है और सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाती है।

डीबीटी पोर्टल योजना:-

डीबीटी और डीबीटी कृषि यंत्र योजना भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई योजना है, जिसमे देश के किसान कृषि मशीनरी का लाभ प्राप्त कर सकते है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को आर्थिक स्थिति को और मजबूत बनाने के लिए कृषि यंत्र खरीदने में सहायता प्रदान करेगी और कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देगी। इस सुविधा से किसानों के अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर किये जाते है। इसके माध्यम से किसानों की सब्सिडी किसी बिचौलिये के पास न जाकर डायरेक्ट उनके अकाउंट में ट्रांसफर होती हैं।

ई-नाम पोर्टल:-

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक पैन-इंडिया इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है, जो कृषि से संबंधित उपजो के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करने के लिए मौजूदा एपीएमसी मंडी का एक प्रसार है। आपको बतादें की इस पोर्टल के माध्यम से देश के किसान अपनी फसलों को कही से भी ऑनलाइन भेज सकते हैं और ऑनलाइन बेची गई फसलों का भुगतान अपने बैंक अकाउंट में प्राप्त कर सकते है।

नीम लेपित यूरिया:-

नीम लेपित यूरिया धीमी गति से प्रसारित होता है, जिसके कारण फसलों की आवश्यकता के अनुरूप नाइट्रोजन पोषक तत्व की उपलब्धता होती है और फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है। केंद्र सरकार खाद को भी ग्रामीण स्तर पर पहुंचाने का कार्य कर रही है। भारत सरकार ने उर्वरक कंपनियों को 100 प्रतिशत नीम लेपित यूरिया का उत्पादन करने की अनुमति 7 जनवरी 2015 को प्रदान की थी।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना:-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी 2015 को राजस्थान के सूरतगढ़ से मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का शुभारंभ किया था। देश में 2017-2019 तक 11.69 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटे जा चुके हैं। उर्वरकों के उपयोग से मृदा (मिट्टी) में उपस्थित पोषक तत्वों में होने वाली कमी दूर करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई। योजना के अंतर्गत ग्रामीण युवा और किसान जिनकी आयु 40 वर्ष तक है, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना एवं सैंपल परीक्षण कर सकते हैं।

किसान मानधन पेंशन योजना:-

पीएम किसान मानधन योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद किसानों को पेंशन दिया जाता हैं। यानी सरकार ने किसानों के बुढ़ापे को सुरक्षित रखने के लिए इस योजना की शुरुआत की है। इस स्‍कीम में 18 साल से 40 साल तक का कोई भी किसान निवेश कर सकता है। इस योजना के तहत किसानों को 3000 रुपये तक की मासिक पेंशन मिलती है। जो किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेते हैं वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना:-

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना केंद्र सरकार के द्वारा हर खेत तक पानी पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई एक बहुत बड़ी योजना है । इस योजना के तहत देश के हर एक किसान को पात्र लाभार्थी माना गया है जो अपनी भूमि पर खेती किसानी करते हैं । पीएम कृषि सिंचाई योजना का लाभ देश के हर एक किसानों को मिलेगा जो अपनी निजी भूमि पर खेती करते हैं तथा ऐसे भी किसानों को लाभ मिल सकता है जो लीज एग्रीमेंट के तहत 7 वर्षों से उस भूमि पर खेती कर रहे हैं । पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत सहकारी साख समिति सेल्फ हेल्प ग्रुप इत्यादि के मेंबर किसान को भी पात्र लाभार्थी माना गया है ।

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