क्या आप जानते हैं कि सौंफ की खेती करने में आपका खर्च बहुत कम होता है और कमाई भर भर के होती है अगर आप सौंफ की खेती करते हैं तो आप 1.5 लाख से 2.0 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर आराम से बचा सकते हैं लेकिन जो तरीका मैं आपको आगे बताऊंगा उससे आप अपनी कमाई को दोगुना तक भी कर सकते हैं तो आइए जानते हैं कि सौंफ की खेती करने का पूरा प्रोसेस क्या है.
कैसी चाहिए मिट्टी और मौसम
सौंफ की खेती करते समय पाला से बचाना चाहिए और सिंचाई वाली भूमि में ही बुवाई करनी चाहिए और तापमान की बात करें तो 15 से 20 डिग्री सेल्सियस के ताप पर इसकी खेती की जा सकती है इसे अक्टूबर – नवंबर में बोया जाता है और पहाड़ी इलाकों में इसे मई -जून में ही बो देते हैं. और खेत को तैयार करते समय अगर आपके खेत की मिट्टी हल्की मध्यम है तो 2 से 3 जुताइयां पर्याप्त रहती हैं और अगर भारी मिट्टी है तो 3 से 4 जुताइयां करनी चाहिए.
उन्नत किस्में
सौंफ की उन्नत किस्मों में RF 101, Gujarat Fennel 1, RF 35, CO 1 आदि उन्नत किस्में शामिल हैं.
बीज की मात्रा
बीज की बात करें तो 1 एकड़ खेत के लिए आपको 4 से 5 किलोग्राम बीज लेना चाहिए और अगर आप नर्सरी में पौध तैयार करके बो रहे हैं तो आपको 60×30 cm के अंतराल पर पौध लगानी चाहिए और अगर सीधे बुवाई कर रहे हैं तो 25×30 cm के अंतराल पर बुवाई करनी चाहिए.
सिंचाई
सौंफ बोने से पहले खेत तैयार करते समय एक सिंचाई करते हैं और फिर सौंफ बोने के बाद 10 से 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहते हैं.
मुख्य कीट और रोग
सौंफ की खेती का मुख्य कीट aphid को माना जाता है और पाउडरी meldew सौंफ की मुख्य बीमारी है तो इनका नियंत्रण आपको समय पर करना होगा.इनके नियंत्रण लिए आप जैविक और रासायनिक तत्वों का उपयोग कर सकते हैं.
कटाई और उपज
बुवाई के लगभग 180 से 190 दिनों बाद सौंफ की फसल कटाई योग्य हो जाती है और जब इसके अंबल्स/गुच्छे हरे से पीले रंग के होने लगते हैं तो उनको काट लिया जाता है.
और कटाई के बाद एक बहुत ज़रूरी क्रिया की जाती है और वो है सौंफ के अंबल्स को सुखाना वो कैसे आइए जानते हैं तो जब कटाई की क्रिया पूरी हो जाती है तो 1 से 2 दिनों तक उन्हें धूप में और उसके बाद 8 से 10 दिनों तक छाया में सुखाया जाता है.
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सौंफ को अधिक दामों में कैसे बेचें
सौंफ को अधिक दामों में बेचने के लिए सही समय पर सौंफ की कटाई कर ली जाती है उसके बाद उन्हें साफ करके थोक या फुटकर दुकानदारों को बेचने पर आपको अधिक फायदा पहुंचेगा अगर आपकी फसल बहुत ज्यादा है तो आपको अपनी फसल मंडी भेजनी चाहिए.
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