मित्रों जैसा कि आप जानते ही हैं कि बैंगन को किसी भी तरह की जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है और अब इसकी खेती वर्ष भर की जाती है लेकिन इन सब फायदों के साथ इसकी खेती में कुछ नुकसान भी होते हैं जिसमें से एक हिस्सा है बैंगन में लगने वाले रोग का, जिनका खतरा हमेशा ही बना रहता है.
तो आइए जानते हैं कि बैंगन में सबसे ज्यादा खतरनाक रोग कौन से लगते हैं.
बैंगन का आर्द्र पतन रोग (Damping Off)
यह रोग अक्सर कर नर्सरी में उगे पौधों पर लगता है और जिन पौधों में यह रोग लग गया होता है वे भूमि स्तर पर ही गलने लगते हैं, नर्सरी में पौधों का मुरझाना और सूख जाना इस रोग का मुख्य लक्षण है.
बैंगन में फोमाप्सिस अंगमारी रोग
यह रोग हो जाने से पत्तियों पर छोटे छोटे गोल भूरे धब्बे बन जाते हैं और अनियमित आकार के काले धब्बे पत्तियों के किनारे पर दिखाई देते हैं जिन पत्तियों पर इस रोग का असर होता है वो पीली पड़ने लगती हैं और हवा चलने पर गिरने लगती हैं.
बैंगन में छोटी पत्ती रोग (Little Leaf)
यह एक कीड़े द्वारा फैलाए जाने वाला रोग है अगर आपके किसी पौधे में यह रोग हो जाता है तो रोगी पौधे की पत्तियां आकार में बहुत छोटी हो जाती हैं पत्तियों का डंठल भी छोटा रह जाता है और पत्तियां तने से जुड़ी हुई दिखती हैं यह रोग हो जाने से रोगी पौधे पर फूल नहीं बन पाते हैं और पौधे झाड़ी के समान रह जाते हैं.
बैंगन में पत्तियों के धब्बे वाला रोग (Leaf Spots)
इस रोग के हो जाने से पत्तियों पर भूरे धब्बे बन जाते हैं ये धब्बे पत्तियों पर एक दूसरे से मिलकर काफी जगह घेर लेते हैं जिससे पत्तियां सूखकर गिर जाती हैं कभी कभी फलों पर भी धब्बे बन जाते हैं बड़े बड़े गहरे धब्बे बन जाने के कारण फल पीले पड़ जाते हैं और अंत में जमीन पर गिरने लगते हैं.
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बैंगन का मूल ग्रंथि रोग (Root Knot)
बैंगन में इस बीमारी से जड़ों में गाठें बन जाती हैं और रोगी हुए पौधे बौने रह जाते हैं और कमजोर दिखने लगते हैं तथा पत्तियां हरी पीली होकर मुरझा जाती हैं जब गांठें पूरी तरह से बन जाती हैं तो पौधा सूख जाता है.
तो यह है कुछ खतरनाक बैंगन में लगने वाले रोग. किसान मित्रों उम्मीद है, आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई होगी और ऐसे ही कृषि से संबंधित सभी नई जानकारियां सबसे पहले पाने के लिए लाल रंग की घंटी को क्लिक करके सब्सक्राइब करें.
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