ऐसें करें करेला की खेती; होगा अधिक मुनाफा। Karela Ki Kheti

करेला में कई पोषक तत्व और औषधीय गुण होते हैं जिसके कारण इसको सब्जी के रूप में काफी पसंद किया जाता है इसके कारण इसकी बाज़ार में मांग बनी रहती है जिसके कारण इसका भाव भी अच्छा मिल जाता है लेकिन करेला की खेती से कुछ लोग अच्छी कमाई नहीं कर पाते हैं लेकिन कुछ लोग बहुत ज्यादा पैसा कमाते हैं तो ऐसा क्यों है इसके कई कारण हैं जिन पर आगे हम चर्चा करेंगे तो आइये जानते हैं करेला की खेती का वैज्ञानिक या आधुनिक तरीका!

मौसम और जलवायु 

करेला गर्म और नम जलवायु की फसल है लेकिन फिर भी यह भिन्न भिन्न प्रकार की जलवायु को सहन कर लेती है लेकिन पाले से इसकी खेती में काफी नुकसान होता है अगर आप मैदानी इलाकों में गर्मी के मौसम की फसल लेना चाहते हैं तो नवंबर और वर्षा की फसल जून जुलाई में जबकि पहाड़ी इलाकों में मार्च से जून तक करेला की बुवाई की जाती है.

मिट्टी और इसकी तैयारी

वैसे तो करेला की खेती कई प्रकार की मिट्टी में की जाती है परन्तु बलुई दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए अच्छी मानी जाती है और इसकी खेती के लिए उचित pH मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए वहीं खेत की तैयारी के समय एक बार मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करने के बाद 3 से 4 जुताइयाँ देशी हल या हैरो से करनी चाहिए और हर एक जुताई के बाद पटेला या पाटा चलाकर खेत को बराबर कर लेना चाहिए.

उन्नत किस्में और बीज की मात्रा 

करेला की किस्मों को आकार के अनुसार दो भागों में बांटा गया है पहेली छोटी आकार की किस्में जो लगभग 10 सेंटीमीटर तक की होती हैं जिन्हें गर्मी के मौसम में उगाया जाता है और दूसरी आती है बड़े आकार वाली किस्में जो कि 10 से 18 सेंटीमीटर की होती हैं और इन्हें बारिश के मौसम में उगाया जाता है. 

करेला की उन्नत किस्मों में प्रिया, कल्याण सोना, पूसा विशेष, पूसा दो मौसमी, कल्याणपुर बारामासी, अर्का हरित और फ़ैज़ाबादी बारामासी आदि किस्में शामिल हैं. लेकिन आप उन्नत किस्म का चुनाव अपने इलाके के अनुसार ही करें. अगर बात करें बीज की मात्रा की तो एक हेक्टेयर के लिए करीब 6 से 7 किलो ग्राम बीज पर्याप्त माना जाता है.

खाद और उर्वरक

खेत को तैयार करते समय 250 से 300 क्विंटल गोबर की सड़ी खाद मिट्टी में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मिला देनी चाहिए इसके साथ ही अंतिम जुताई के समय 10 से 12 किलो नाइट्रोजन, 25 से 30 किलो फॉस्फोरस और 20 से 30 किलो पोटाश देनी चाहिए.

इसके आलावा बुवाई के लगभग 3 से 4 सप्ताह बाद 10 से 12 किलो नाइट्रोजन देना चाहिए तथा करेला में फल लगने के समय 10 से 12 किलो नाइट्रोजन को खेत में देना चाहिए.

सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण

वैसे तो सिंचाई मौसम और मिट्टी पर निर्भर करती है जिसमें गर्मी के दिनों में शुरुआत में 10 से 11 दिनों के बाद और बाद में ताप के बढ़ने पर 6 से 7 दिनों के बाद सिंचाई करते हैं खेत में उचित जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए.

वहीं खेत में खरपतवार को रोकने के लिए बारिश में 3 से 4 जबकि गर्मी में लगभग 2 निराई गुड़ाई की जरुरत होती है और जब बेलें पूरी तरह खेत में फ़ैल जाएँ तो निराई गुड़ाई बंद कर देनी चाहिए.

कुछ आवश्यक क्रियाएं 

सहारा देना 

इसमें पौधों को सहारा देना बहुत जरुरी होता है ताकि करेला के फलों को गीली मिट्टी के संपर्क में आने से बचाया जा सके इसके लिए बांस के डंडे को खेत में गाड़कर उसमें छोटी छोटी रस्सियां बाँध दी जाती हैं और बेलों को उनके सहारे चढ़ने दिया जाता है इस तरीके को किसी किसी जगह पर मचान भी कहा जाता है.

प्रमुख रोग और कीट 

करेला की फसल में कुछ मुख्य कीट और रोग हैं जिनके लगने का खतरा जरूर बना रहता है जिन रोगों में मुख्य हैं चूर्णिल आसिता और मृदुरोमिल आसिता जबकि मुख्य कीटों में रेड पम्पकिन बीटल, एपीलेकना बीटल, कट वर्म और माहू जैसे कीट शामिल हैं इनके नियंत्रण के लिए जैविक और रासायनिक दोनों तरीकों को अपनाया जा सकता है.

कटाई और उपज 

जब करेला के फलों का रंग गहरे हरे से हल्का होना शुरू हो जाए तब फलों की तुड़ाई कर लेनी चाहिए फलों के पकने पर भाव बहुत कम मिलता है या मिलता ही नहीं है और अगर उपज की बात करें तो गर्मी के मौसम में करेला की उपज करीब 80 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और बारिश के मौसम में 100 से 125 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से करेला की उपज प्राप्त हो जाती है.

यह भी पढ़ें: ऐसे करें बैंगन की खेती; होगी भारी कमाई

मार्केटिंग कैसे करें 

करेला के फलों को हमेशा ही सही समय पर तोड़ना चाहिए और इसके बाद उनके आकार प्रकार के अनुसार उनकी छंटाई कर देनी चाहिए और हो सके तो अच्छी पैकिंग करके उनको बाज़ार तक भेजना चाहिए. 

करेला की खेती वीडियो (Karela Ki Kheti Video)

Karela Ki Kheti Kaise Kare (Video):

अगर आप हमसे सीधे जुड़ना चाहते हैं तो आप हमसे व्हाट्सएप पर जुड़ें और कृषि से सम्बन्धित जानकारी भरे वीडियो देखने के लिए हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
हैलो
हैलो