ऐसे करें बरसाती कुंदरु की खेती; कमाई 2 लाख प्रति एकड़। Barsati Kundru Ki Kheti

बरसाती कुंदरू से आप एकड़ में 8 से 10 टन का उत्पादन पा सकते हैं इसलिए यह एक बहुत लाभकारी खेती साबित हो सकती है इसलिए आज हम बरसाती कुंदरू की खेती के बारे में विधिवत जानकारी देंगे.

खेत का चयन और तैयारी

अगर आप कुंदरु की खेती करने के लिए खेत और मिट्टी का चुनाव कर रहे हैं तो इसके लिए लोमी ओर क्ले मिट्टी अधिक अच्छी मानी जाती है और इसकी तैयारी के लिए सबसे पहले 2 से 3 बार मिट्टी पलट हल से जुताई करनी चाहिए और इसके बाद 1 से 2 बार हैरो या रोटावेटर से जुताई करने के बाद हमें पाटा या पटेला ज़रूर चला देना चाहिए ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे और मिट्टी भुरभुरी भी हो जाए इसके बाद खेत में नाली और मेढ़े ज़रूर बना देनी चाहिए खासकर, बरसात के मौसम में!

बीज और उसकी बुवाई

अब हमें किसी अच्छी वैरायटी के बीज का चुनाव करना है ताकि हमें बाद में अधिक समस्यायों का सामना न करना पड़े उसके लिए आप पूसा दोफसली, पूसा किरण और अर्का तेजस जैसी किसी भी किस्म को चुन सकते हैं लेकिन वैरायटी चुनते समय यह ज़रूर ध्यान रखें कि ऐसी वैरायटी का ही चुनाव करें जो आपके छेत्र की जलवायु के अनुकूल हो और आपकी मिट्टी के अनुकूल भी हो किस्म का चुनाव करने के बाद उसकी 4 से 5 किलो मात्रा को प्रति एकड़ के हिसाब से ले लेते हैं और उसको किसी अच्छे बीज शोधक से बीजोपचार कर देते हैं और उसे मेढ़ों में बो देते हैं बुवाई के समय यह ज़रूर ध्यान दें कि बीज को 1 से 2 सेंटीमीटर की गहराई पर ही बोएं.

खाद और सिंचाई

अगर जैविक गोबर की सड़ी हुई खाद उपलब्ध हो तो 3 से 4 ट्राली खाद को एक एकड़ खेत में डाल कर खेत की तैयारी के समय ही मिला देना चाहिए उसके बाद उसमें उचित नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश को देना चाहिए और अगर सिंचाई की बात करें तो वैसे तो इस मौसम में सिंचाई की जरूरत नहीं होती है लेकिन अगर किसी कारण से सिंचाई न हुई हो तो जरूरत पड़ने पर सिंचाई कर ली जाती है.

खरपतवार, कीट और रोग

जैसा कि आप जानते ही हैं कि यह बारिश का मौसम है इसलिए इस मौसम में खरपतवार बहुत अधिक निकलते हैं इसलिए समय समय पर निकाई गुड़ाई की क्रिया करते रहनी चाहिए और बारिश के कारण से ही इसमें रोग और कीट भी बहुत लगते हैं तो उनके नियंत्रण के लिए आप सबसे पहले जैविक नियंत्रण जैसे ट्रैप या नीम तेल आदि का उपयोग करें.

तुड़ाई और उपज

कुंदरु की तुड़ाई बुवाई के लगभग 40 दिन बाद शुरू हो जाती है और लम्बे समय तक आप इसका उत्पादन ले सकते हैं और कुंदरु से आप एक एकड़ में लगभग 8 से 10 टन का उत्पादन ले लेंगे.

बरसाती कुंदरू की खेती के लिए महत्वपूर्ण बातें

अगर आप बरसात के मौसम में कुंदरु की खेती कर रहे हैं तो आपको कुछ मुख्य बातों को ध्यान में रखना चाहिए.

  • सबसे पहले आपको खेत का चुनाव करते समय एक बराबर खेत का चुनाव करना चाहिए ताकि खेत में बारिश का पानी इकट्ठा न हो सके और पौधे रोग और सड़न से बच सकें.
  • इस मौसम में कुंदरु बोने के लिए मेड़ और नाली बनाएं और मेड़ में ही कुंदरु बोएं.
  • और बीज बोने से पहले बीजोपचार जरुर कर लें.
  • और इस मौसम में मचान का उपयोग जरुर करें ताकि फल स्वस्थ्य हों.

अधिक मुनाफा कैसे कमाएं 

कुंदरु की खेती से अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो आपको जाननी चाहिए.

  • सबसे पहली बात यह है कि सही समय पर कुंदरु की तुड़ाई करें ताकि आपके कुंदरु पौधे पर ही न पक जाएं.
  • और कुंदरु की तुड़ाई के बाद उनकी सही से छंटाई कर दें.
  • इसके बाद बड़े बड़े थैलों में भरकर ही बाजार भेजें.
  • और संभव हो तो कम से कम 2 से 4 बाजारों में भाव लें उसके बाद जिस जगह पर आपको अच्छा भाव मिले वहीं पर अपनी फसल बेचें.
  • और अगर आप फुटकर में कुंदरु बेच सकें तो आप और भी अधिक मुनाफा कमा सकेंगे.

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