Anaj ka bhandaran kaise kare

अनाज का भंडारण कैसे करें। जिससे हो कम नुकसान

क्या आप भी अनाज भंडारण के समय भारी नुकसान उठा चुके हैं या आप सही तरीके से अनाज को भंडारित करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही समय पर सही जगह पर आए हैं क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि अनाज को भंडारित करने का सही तरीका क्या है या अनाज का भंडारण कैसे करें?

अगर एक रिपोर्ट की मानें तो केवल भारत में ही सालाना करीब 14 मिलियन टन का अनाज भंडारण में नुकसान होता है जिसकी कीमत क़रीब 7000 करोड़ भारतीय रुपए होती है जो कि एक भारी नुकसान है.

तो आइए जानते हैं कि अनाज भंडारण में ऐसी कौन से तरीकों को अपनाया जाय जिससे नुकसान बहुत कम हो या फिर बिल्कुल ही न हो.

बीज का चुनाव

किसी भी फसल को बोने से पहले हम बीज का चुनाव करते हैं तो बीज के चुनाव के समय हमें ऐसे बीजों का चुनाव करना चाहिए जिनकी भंडारण क्षमता अच्छी हो इससे हम भण्डारण में नुकसान को कम कर सकते हैं.

कटाई मशीन की जांच

अनाज को काटते समय कटाई मशीन (थ्रेसर, आदि) की जांच कर लेनी चाहिए क्योंकि ऐसा होता है कि जब आपकी फसल कटने वाली होती है उससे पहले किसी और की फ़सल कट चुकी होती है और पहले कटी हुई फसल में किसी भी तरह की दिक्कत हो जिसके कारण आपकी फसल पर भी प्रभाव पड़ सकता है.

अनाज में नमी

अनाज में नमी की मात्रा का प्रभाव भी अनाज भंडारण पर पड़ता है अनाज भंडारण करते समय हमें यह ध्यान में रखना चाहिए की अनाज में नमी प्रतिशत 14% से कम ही हो; जिससे अनाज भंडारण नुकसान में कमी देखने को मिलेगी.

अनाज भंडारण का समय

अनाज को भंडारित करते समय, समय (टाइम) का भी प्रभाव पड़ता है अगर हम दोपहर में अनाज का भण्डारण करते हैं तो हमें भंडारित अनाज पर कीड़ों का प्रकोप अधिक देखने को मिल सकता है क्योंकि उस समय मौसम भी गर्म होता है इसीलिए हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि अनाज को शाम के समय ही भंडारित करना चाहिए.

भण्डारण स्थान की जांच

हम जहां रहते हैं वहां की स्थिति को तो हम देखते ही हैं और अगर वहां कुछ कमी है तो हम उसको भी दूर करते हैं ठीक इसी तरह हमें यह भी देखना चाहिए कि जहां हम अनाज को भंडारित करने वाले हैं वहां की हालत कैसी है वहां कोई सुराग, चूहों की बिल, आदि तो नहीं हैं; अगर ऐसे कोई भी अनऐच्छिक सुराग वहां पर हैं तो उन्हें तुरंत सीमेंट के माध्यम से भर देना चाहिए.

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पर्याप्त अंतर

पर्याप्त अंतर से यहां यह तात्पर्य है कि हमें अनाज की बोरियों को सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए बल्कि नीचे ईटों या लकड़ी के प्लर आदि को रख लेना चाहिए और दीवार से भी कुछ दूरी पर रखना चाहिए तथा ऊपर छत से भी करीब 60 सेंटीमीटर का अंतर भी रखना चाहिए ताकि अनाज के भण्डारण में कम कीड़े नुकसान कर पाएं और निगरानी भी अच्छे से हो सके.

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