आलू की उन्नत किस्में (Aalu ki unnat kisme) आदि के विषय में विस्तार से जानकारी.
किसान मित्रों जैसा कि आप जानते ही हैं कि आलू की खेती हमारे देश में कितनी की जाती है और आप भी शायद आलू की खेती करते हैं या करने की सोच रहे हैं इसलिए इस पोस्ट को पढ़ने आए हैं इस पोस्ट में हम आलू की उन्नत किस्में (Aalu ki unnat kisme) आदि के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करेंगे इसलिए इस पोस्ट को आखिर तक जरुर पढ़ें.
मुख्य रूप से तीन प्रकार की आलू की उन्नत किस्में होती हैं आलू की अगेती उन्नत किस्में, आलू की मुख्य उन्नत किस्में, आलू की पछेती उन्नत किस्में आलू की अगेती उन्नत किस्में मुख्य रूप से लगभग 80 से 90 दिन में तैयार हो जाती हैं वहीं आलू की मुख्य उन्नत किस्में लगभग 100 से 110 दिनों में तैयार हो जाती हैं और आलू की पछेती किस्में लगभग 110 से 120 दिनों में तैयार हो जाती हैं आज इस पोस्ट में हम तीनों प्रकार की उन्नत किस्मों के बारे में चर्चा करेंगे और उन्हीं किस्मों में से कुछ के बारे में विस्तार से जानेंगे ताकि आपको अच्छी किस्म चुनने में कोई कठिनाई न हो.
आलू की अगेती उन्नत किस्में (Aalu ki ageti unnat kisme)
कुफरी सूर्या, कुफरी अशोका, कुफरी बहार (E 3797), कुफरी अलंकार, कुफरी लवकार (A 7416), कुफरी मोती, कुफरी नवताल, जे एच 222, कुफरी पुखराज, अप टू डेट, आदि आलू की अगेती उन्नत किस्में हैं.
कुफरी बहार (E 3797)
यह आलू की किस्म लगभग 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है इसके कंद बड़े, अंडाकार और सफ़ेद छिलके वाले होते हैं इसके कंद अधिक दूरी पर भेजने के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते हैं क्योंकि इनका छिलका कमज़ोर होता है इस किस्म की विशेषता यह है कि इसके कंद खाने में अच्छे होते हैं और ये बीमारियों के लिए सुग्राही माने जाते हैं और इनके आलू भी तेज गति से बनते हैं.
यह आलू की अगेती किस्म भी काफ़ी अच्छी मानी जाती है यह लगभग 75 से 85 दिन में तैयार हो जाती है इसके कंद बड़े, अंडाकार और सफ़ेद छिलके तथा उथले अंखुवे वाले होते हैं कंद के अंदर का रंग हल्का पीला होता है.
आलू की मुख्य उन्नत किस्में (Aalu ki mukhya unnat kisme)
कुफरी आनंद, कुफरी बादशाह (JF 4870), कुफरी शीतमान, कुफरी चमत्कार, कुफरी जीवन, कुफरी कुंदन, कुफरी शक्ति, कुफरी नव ज्योति, कुफरी चिप्सोना 1, कुफरी चिप्सोना 2, कुफरी चिप्सोना 3, हिमसोना (पहाड़ी इलाकों के लिए), कुफरी नीलमणि, प्रेसिडेंट, आदि आलू की मुख्य उन्नत किस्में हैं.
कुफरी शीतमान
यह किस्म मैदानी इलाकों में लगभग 100 से 110 दिनों में और पहाड़ी इलाकों में लगभग 125 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है इसके कंद बड़े, अंडाकार और उथले अंखुवे वाले होते हैं यह पाले को सहन करने वाली किस्म है लेकिन इस किस्म में पछेती झुलसा रोग होने का खतरा बना रहता है.
कुफरी बादशाह
यह किस्म भी लगभग 110 से 115 दिनों में तैयार हो जाती है इस किस्म के कंद अंडाकार होते हैं इस किस्म पर झुलसा रोग नहीं लगता है लेकिन इस किस्म के आलू के अंदर Cavity बन जाती है यह भंडारण के लिए अच्छी किस्म मानी जाती है.
आलू की पछेती उन्नत किस्में (Aalu ki pacheti unnat kisme)
कुफरी देवा, कुफरी सिंदूरी, कुफरी लालिमा, कुफरी नवीन, कुफरी किसान, कुफरी सतलुज, कुफरी बादशाह, आदि आलू की पछेती उन्नत किस्में हैं.
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कुफरी देवा
यह एक पछेती किस्म है यह किस्म लगभग 120 से 125 दिन में तैयार हो जाती है इसके कंद सफेद, अंडाकार और आंखों के पास गुलाबी रंग लिए होते हैं यह किस्म पाले को सहन कर लेती है इस किस्म की एक विशेषता यह भी है कि इसके आलू अन्य किस्मों की अपेक्षा कम सड़ते हैं इसलिए इसके आलू कमरे के साधारण तापमान पर भी रखे जा सकते हैं.
कुफरी सिंदूरी
यह एक पछेती किस्म है यह किस्म लगभग 120 से 140 दिनों में तैयार हो जाती है इसका आलू मध्यम आकार का, गोल और गुलाबी होता है इसके कंद की आँखें गहरी होती हैं इस पर झुलसा रोग लग सकता है.
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किसान मित्रों हमनें यहां पर कई आलू की उन्नत किस्में (Aalu ki unnat kisme) जानीं लेकिन जब भी आप आलू की उन्नत किस्म का चुनाव कर रहें हों तो यह बात ज़रूर ध्यान रखें कि वह किस्म आपके क्षेत्र के अनुकूल हो इसलिए जरूरत समझने पर किसी कृषि विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें.
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