20 July 2024: भारत में आज का मौसम। Aaj Ka Mausam Kaisa Rahega

किसानों के लिए मौसम का महत्व अपरिमित है, क्योंकि वे अपनी फसलों को बर्बाद होने से बचाने के लिए मौसम की भविष्यवाणी पर निर्भर करते हैं। इसलिए, यहां हम देखेंगे कि भारत के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में कल 20 जुलाई के मौसम कैसा होने वाला है और बारिश के कारण फसलों के नुकसान से बचने के लिए किसान कौन-कौन सी सावधानियां अपना सकते हैं।

भारत में सभी क्षेत्रों का मौसम

1.1 उत्तरी क्षेत्र:

जम्मू और कश्मीर: हल्की बारिश की संभावना।

हिमाचल प्रदेश: हल्की से मध्यम बारिश की संभावना।

पंजाब: मध्यम बारिश की संभावना।

हरियाणा: मध्यम बारिश की संभावना।

दिल्ली: हल्की बारिश की संभावना।

राजस्थान: हल्की बारिश की संभावना।

उत्तर प्रदेश: मध्यम बारिश की संभावना।

उत्तराखंड: हल्की बारिश की संभावना।

1.2 पूर्वी क्षेत्र:

बिहार: हल्की बारिश की संभावना।

झारखंड: हल्की बारिश की संभावना।

ओडिशा: हल्की बारिश की संभावना।

पश्चिम बंगाल: हल्की बारिश की संभावना।

1.3 दक्षिणी क्षेत्र:

कर्नाटक: हल्की बारिश की संभावना।

तमिलनाडु: हल्की बारिश की संभावना।

तेलंगाना: हल्की बारिश की संभावना।

आंध्र प्रदेश: हल्की बारिश की संभावना।

केरल: हल्की बारिश की संभावना।

1.4 पश्चिमी क्षेत्र:

गुजरात: हल्की बारिश की संभावना।

महाराष्ट्र: हल्की बारिश की संभावना।

राजस्थान (पश्चिमी भाग): हल्की बारिश की संभावना।

1.5 उच्च पहाड़ी क्षेत्र:

उत्तराखंड: हल्की बारिश की संभावना।

हिमाचल प्रदेश: हल्की से मध्यम बारिश की संभावना।

जम्मू और कश्मीर: हल्की बारिश की संभावना।

कृषि क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय

    जल प्रबंधन: वर्षा का समय प्रबंधन करने और पानी का बहाव रोकने के लिए अच्छे जल प्रबंधन की व्यवस्था करें।

    मलचिंग तकनीक: मलचिंग तकनीक का उपयोग करके फसलों की नमी और पोषण को बनाए रखने के लिए विचार करें।

    पेड़-पौधों का संरक्षण: तेज बारिश के दौरान छोटे पौधों को बचाएं और उन्हें उच्च वायु गति से सुरक्षित रखें।

    कृषि उपकरणों की सुरक्षा: बारिश के समय कृषि उपकरणों को सुरक्षित जगह पर रखें ताकि उन्हें नुकसान से बचा जा सके।

    समय पर बुवाई करें: मौसमी विशेषताओं के अनुसार सही समय पर बीज बोएं। इससे फसल का उत्तम विकास होगा और फसल के प्रति उत्पादन में वृद्धि होगी।

    समय पर समीक्षा: बारिश के पानी के संचयन के बाद खेतों की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार निर्धारित कार्रवाई करें। यह फसलों की स्थिति को सुधारने में मदद करेगा।

    बारिश के पानी का नियंत्रण: बारिश के पानी को संचित और नियंत्रित रखने के लिए खेतों में उचित ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण करें। इससे पानी का जल संचयन होगा और फसलों को हानि से बचाया जा सकेगा।


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