थारपारकर गाय की उपयोगिता, लक्षण, दूध| Tharparkar Ki Upyogita, Doodh

थारपारकर गाय को थारी या ग्रे सिंधी या सफ़ेद सिंधी के नाम से जाना जाता है इस गाय के शुद्ध वंशीय पशु आपको जैसलमेर, जोधपुर और हैदराबाद के थारपारकर के पास के इलाकों में मिल जायेंगे इसके आलावा कुछ फार्मों पर भी इस नस्ल  के पशु रखे जाते हैं जो आगे दिए गए हैं. 

  • राजकीय पशु पालन फार्म, हिसार
  • केंद्रीय पशु प्रजनन फार्म, सूरतगढ़, राजस्थान
  • पशु प्रजनन फार्म, झाँसी, उत्तर प्रदेश
  • पशु प्रजनन फार्म, अमरावती, महाराष्ट्र

थारपारकर गाय के लक्षण और पहचान 

थारपारकर गाय को उसके रंग, रूप और आकार तथा उसकी शारीरिक माप के अनुसार पहचाना जा सकता है. 

थारपारकर पशुओं का रंग 

अगर थारपारकर नस्ल की गाय के रंग की बात करें तो ये सुगठित, मजबूत और हलके धूसर या सफ़ेद रंग के होती हैं इन पशुओं की पीठ पर रीढ़ के साथ साथ हल्की धूसर रंग की धारियां पाई जाती हैं जबकि शरीर की अपेछा चेहरे का रंग गहरा होता है इन पशुओं की पूछ काली झब्बेयुक्त होती है जो टखनों तक लटकती है.

अब अगर बात करें सांड़ों की तो युवावस्था में सांड आमतौर पर पूरे ही धूसर रंग के दिखाई देते हैं लेकिन बढ़ती आयु के साथ उनका रंग सफ़ेद हो जाता है सांड की गर्दन, ककुद और पैर गहरे रंग के होते हैं.

थारपारकर पशुओं का रूप और आकार 

इस नस्ल की गाय और सांड के पैर और हड्डियां मजबूत होती हैं ये पशु मझोले कद के होते हैं इनका मुँह लम्बा और माथा कुछ उभरा हुआ होता है इनके सींग भी मध्यम आकार के होते हैं कान लम्बे और झुके होते हैं इनकी कुकुद, मुतान और कमर साधारण होती है इनकी पीठ मजबूत, सीधी और साधारण लम्बाई की होती है इनकी त्वचा काफी मुलायम होती है.

थारपारकर पशुओं की शारीरिक माप 

अगर बात करें थारपारकर गाय की तो इनकी ऊंचाई करीब 122 सेमी, लम्बाई 145 सेमी, परिधि 167 सेमी और वजन करीब 386 किलो होता है जबकि इस नस्ल के सांड़ों की ऊंचाई 130 सेमी, लम्बाई 152 सेमी, परिधि 167 सेमी और वजन करीब 480 किलो होता है.

यह भी पढ़ें: पशुपालन करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान। जानें प्लान

थारपारकर पशुओं की उपयोगिता 

इस नस्ल के पशु बहुत मजबूत माने जाते हैं जो कम चारे और और कम भोजन में भी रह सकते हैं और यह भार खींचने या ढोने के काम भी आसानी से करते हैं क्योंकि इन पशुओं को दुकाजी पशुओं की नस्ल माना जाता है इसके साथ ये दूध भी अच्छा देते हैं. 

यह भी पढ़ें: कांकरेज गाय की पहचान, लक्षण और उपयोगिता| KANKREJ KI PAHCHAN, UPYOGITA, PRICE, DOODH

थारपारकर गाय का दूध 

इस नस्ल की गायों की अगर दूध देने की छमता की बात करें तो इस नस्ल गायें 305 दिन के अपने ब्यांत में करीब 2140 किलो दुध दे देती हैं लेकिन अगर इन्हे अच्छी देखरेख और पर्याप्त भोजन देकर फार्मों में रखा जाता है तो ये लगभग 2500 किलो तक भी दूध दे देती हैं.

यह भी पढ़ें: सौंफ की खेती करने का यह तरीका; कराएगा ज्यादा कमाई| FENNEL CULTIVATION

अगर आप हमसे सीधे जुड़ना चाहते हैं तो आप हमसे व्हाट्सएप पर जुड़ें इसके साथ ही खेती से सम्बंधित जानकारी भरे वीडियो देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
हैलो
हैलो