प्याज की उन्नत किस्में (pyaj ki unnat kisme), प्याज की किस्में (pyaj ki kisme) आदि की जानकारी.
अगर आप प्याज बोने की सोच रहे हैं तो आप इससे निश्चित ही अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि प्याज एक बेहद पसंद की जाने वाली शाक भाजी है और प्याज को शाकभाजी के अलावा मसाले के रूप में भी प्रयोग किया जाता है लेकिन जब आप प्याज बोएं तो इस बात का ज़रूर ध्यान रखें कि आप प्याज की उन्नत किस्में ही बोएं ताकि आपकी प्याज की फसल में रोग आदि कम लगें और आपकी फसल अच्छा उत्पादन भी दे सके क्योंकि अगर आप प्याज की उन्नत किस्में नहीं बोते हैं तो आपका उत्पादन कम हो जाएगा और कम उत्पादन से आपका मुनाफा भी कम हो जाएगा तो इसी कारण से आगे हम प्याज की कुछ महत्त्वपूर्ण उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे.
प्याज की उन्नत किस्मों में भीमाराज, भीमा रेड, भीमा सुपर, पूसा रेड, पूसा रतनार, निफाद 53, एग्रीफाउंड डार्क रेड, पटना रेड, उदयपुर 102, नासिक रेड, वी एल 67, वी एल 72, यलो ग्लोब, पटना सफेद, पूसा सफेद गोल, नासिक व्हाइट, सिलेक्शन 131, अर्का निकेतन, अर्का कल्याण, अर्का प्रगति जैसी प्रसिद्ध किस्में आती हैं इन्हीं किस्मों में से कुछ किस्मों के बारे में हम आगे विस्तार से जानकारी हासिल करेंगे ताकि आपको प्याज की उन्नत किस्म चुनने में कोई परेशानी न हो इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें.
भीमाराज
भीमाराज, भीमा रेड और भीमा सुपर ये तीनों किस्में खरीफ सीजन के लिए विकसित की गईं हैं और इन्हें मुख्य रूप से कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और राजस्थान आदि क्षेत्रों में बोया जाता है.
पूसा रेड
इस किस्म के प्याज मध्यम आकार के गोल और लाल रंग के होते हैं यह कम तीखी किस्म है और इसमें बोल्टिंग (फूल निकल आने) की समस्या कम होती है इसका भंडारण सामान्य दशाओं में भी किया जा सकता है क्योंकि यह जल्दी खराब नहीं होती है.
पूसा रतनार
इस किस्म के प्याज बड़े आकार के और थोड़े से चपटे गोल होते हैं ये बड़े आकर्षक लाल रंग के होते हैं इस किस्म के प्याज भी कम तीखे होते हैं इसलिए इन्हें सलाद आदि में बहुत प्रयोग किया जाता है.
निफाद 53
इस किस्म के प्याज हल्के लाल रंग के, सुडौल और पतली गर्दन वाले होते हैं इस किस्म को भंडारित करने की क्षमता अच्छी होती है इसको उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों में खरीफ सीजन में उगाया जाता है.
एग्रीफाउंड डार्क रेड
यह किस्म मुख्य रूप से खरीफ मौसम में बोने के लिए विकसित की गई है और इसकी उपज भी अच्छी मिल जाती है.
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पटना रेड
इस किस्म के प्याज लाल तथा चपटे और गोल होते हैं ये एक तीखी किस्म है इसलिए इसे मसाले के रूप में अधिक प्रयोग में लाया जाता है.
उदयपुर 102
जैसा कि नाम से ही मालूम होता है कि इस किस्म का विकास उदयपुर कृषि विश्विद्यालय से हुआ है इस किस्म के प्याज गोल और सफ़ेद रंग के होते हैं इसके कंदो की यह विशेषता है कि इसके कंद मध्यम से बड़े आकार के, खाने में कम तीखे और मिठास लिए होते हैं.
नासिक रेड
यह किस्म पूसा रेड से बिल्कुल ही मिलती है इसके प्याज भी मध्यम आकार के, गोल और हल्के रंग के होते हैं.
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हमनें यहां पर कुछ प्याज की विशेष किस्मों के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की है लेकिन आपको इन किस्मों में चुनाव करते समय यह ध्यान में रखना चाहिए कि किस्म आपके क्षेत्र के लिए अनुकूल हो या उपलब्ध होने पर आप किसी कृषि विशेषज्ञ की सलाह भी ले सकते हैं.
उम्मीद है आपको यह प्याज की उन्नत किस्में पोस्ट पसन्द आई होगी ऐसी ही और नई जानकारियां सबसे पहले पाने के लिए नीचे दी गई लाल रंग की घंटी को क्लिक करके सब्सक्राइब करें और इस पोस्ट को अपने दोस्तों से भी शेयर करें.
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प्याज की फसल करना घाटे का सौदा नुकसान मतलब ऐसी जगह पैसे लगाना
जहाँ से कभी रिटर्न न मिले
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सबसे कम mrp की फसल प्याज