जरबेरा फूल की खेती से कमाएं करोड़ों। gerbera fool ki kheti।
दोस्तों, किसान भाईयों नमस्कार इस लेख में मैं आप लोगों के लिए लेकर आया हूं एक ऐसी खेती जिसे करके आप लाखों – करोड़ों तक भी कमा सकते हो।
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के युवा तो नौकरी को छोड़कर इसकी खेती यानि कि जरबेरा फूल की खेती कर रहे हैं और काफी अच्छी कमाई कर रहें हैं। तो आइए जानते हैं कि gerbera fool ki kheti के बारे सबकुछ!
नोट:- जरबेरा फूल की खेती करने में जरबेरा को बोने के बाद 36 माह या कह सकते हैं कि 3 साल तक 300 प्रतिशत तक मुनाफा पाया जा सकता है।
तो आइए हर एक टॉपिक को विस्तार रूप से जानते हैं।
* आपको जरबेरा फूल की खेती क्यों करनी चाहिए:-
किसान भाईयों आज के दौर में आप लोगों को परंपरागत खेती से मोह कम करना चाहिए और ऐसी फसलों को बोने के लिए चुनना चाहिए जो कि व्यवसायिक दृष्टि में बहुत ही शानदार या लाभदायक हों। अगर किसान भाईयों आपको किसी भी सुगंधित पुष्प की खेती करनी है तो जो हम फसलें आगे बताने जा रहे हैं, उनमें से आप किसी भी फसल को चुन सकते हैं और काफी मुनाफा कमा सकते हैं। इनमें प्रमुख रूप से हैं – गेंदा, गुलाब, जरबेरा, ग्लेडियोलस, गुलदाउदी, आदि!
तो चलिए आज हम आपको बताते हैं सबसे अधिक लाभदायक खेती: जरबेरा फूल की खेती के बारे में।
जरबेरा मूल रूप से अफ्रीका का पौधा है और पिछले कुछ सालों से तो भारतीय किसान भाईयों का भी जरबेरा की खेती की तरफ रुझान बढ़ता ही जा रहा है। जरबेरा की खेती वर्ष भर तक खुशबू वाले फूलों की उपज देती है। और जरबेरा के फूलों की तो अलग ही पहचान है। जरबेरा के फूल तो इतने खूबसूरत होते हैं कि लोग इसे निगाह भरकर देखते ही रह जाते हैं। इन सबके अलावा जरबेरा के फूल लाल, पीले, नारंगी तथा सफेद रंग के भी आते हैं। इनके फूलों का प्रयोग शादी अथवा अन्य किसी भी समारोह में स्टेज आदि को सजाने तथा उसे आकर्षक रूप देने में किया जाता है। 10 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में जरबेरा की खेती करने में करीब साढ़े तीन लाख रुपए/हजार वर्ग मीटर की लागत आती है। और उसके तुलना में जरबेरा फूल की खेती करने वाले किसान भाईयों को साल भर में 95 लाख रुपए से अधिक या कह सकते हैं करीब एक करोड़ रुपए की आय होती है।
* जरबेरा फूल की खेती कैसे करें:-
किसान भाईयों आपको बता दें कि जरबेरा का फूल बहुत ही कीमती है। इसलिए जरबेरा की बढ़िया पैदावार के लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि भूमि को इस तरह से तैयार करें कि जिससे जल का भराव न हो सके। तो इसके लिए हल्की क्षारीय तथा उपजाऊ किस्म की भूमि का चयन किया जाना चाहिए। और खेत में कम से कम 4 जुताइयां करके मिट्टी को बिल्कुल भुरभुरी कर लेना चाहिए। तथा इसके बाद गोबर की खाद और उसके साथ में उपलब्ध हो तो नारियल का भूसा डाल देना चाहिए। लेकिन पौधों की रोपाई करते समय यह ध्यान में रखना चाहिए कि पौधे से पौधे की दूरी लगभग 35 सेंटीमीटर रहनी चाहिए। और जरबेरा की खेती पॉलीहाउस में ही करनी चाहिए क्योंकि जरबेरा के खेती के लिए अधिकतम तापमान 22 से 25 डिग्री सेल्सियस होना ही अधिक उचित होता है अगर आपके क्षेत्र का तापमान 22-25 °C है तो आप जरबेरा के फूलों की खेती बिना पॉलीहाउस के भी कर सकते हैं। और पौधों की सिंचाई तो रोजाना की जानी चाहिए। पौधे तीन माह बाद फूल देने लगते हैं।
* शुरुआत के दो महीने में क्या करें:-
किसान भाईयों जरबेरा की खासियत यह है कि जरबेरा के पौधे में शुरुआत के दो महीने में बहुत ही जबरदस्त कलियां आती हैं, तो इन कलियों को तोड़ते रहना चाहिए इसका लाभ यह रहता है कि जब तीन महीने बाद पूरे जोरों शोरों के साथ फसल तैयार होती है तो रंग – बिरंग फूलों की बहार सी आ जाती है। और आप यह देखकर भी दंग रह जाएंगे कि एक – एक पौधे में सैकड़ों फूल आ जाते हैं जो लुभावने होते हैं।
* जरबेरा की प्रमुख किस्में:-
किसान भाईयों जरबेरा की प्रमुख किस्में निम्नलिखित हैं: लॉस डॉल्फिन, सेंट्रल ओलंपिया, नवादा, आदि!
संकर किस्में हैं: रूबी रेड, डस्टी, शानिया, साल्वाडोर, तमारा, फेड्रोरेल्ला, वेस्टा, रेड इंपल्स, सुपर नोवा, नाडजा, डोनी, मेमूट, यूरेनस, आदि!
ये कुछ प्रमुख जरबेरा की किस्में हैं, जो कि अधिक उपजाऊ मानी जाती हैं।
* बीज की मात्रा:-
किसान भाईयों अगर जरबेरा की बीज की मात्रा की बात की जाय तो एक एकड़ में लगभग 28 हजार जरबेरा के बीजों की जरूरत होती है। जरबेरा की खेती का सीजन वैसे तो वसंत ऋतु से ही शुरू हो जाता है और यह जून – जुलाई यानि कि ग्रीष्म ऋतु तक चलता है।
* जरबेरा फूल की खेती में No.1 कौन है:-
अब अगर बात की जाय कि अग्रणी कौन आता है तो उत्तर प्रदेश यानी कि यूपी• का बाराबंकी जिला सबसे अग्रणी जिला है जहां पर युवा नौकरी को छोड़कर भी जरबेरा के फूलों की खेती कर रहे हैं।
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