barsati bhindi ki kheti

बरसाती भिंडी की खेती कमाएं 2 लाख रूपये

बारिश के मौसम में बोई गई भिंडी 45 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है और अच्छा उत्पादन भी देती है जिससे कई किसान लाखों रूपये की कमाई कर रहे हैं आज हम जानेंगे बारिश के मौसम में आप भिंडी की खेती कैसे करें जिससे आप अधिक से अधिक मुनाफा बना सकें और अंत में कुछ ऐसी टिप्स भी जानेंगे जिनको अपनाकर आप अपने ,मुनाफे को और भी बढ़ा सकते हैं तो आइये जानते हैं.

खेत का चयन और तैयारी 

सबसे पहले आप ऐसी मिट्टी को चुनें जिसमें भिंडी की खेती अच्छे ढंग से हो जाये और उत्पादन भी बहुत अच्छा दे जिसके लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है और अगर खेत की तैयारी की बात करें तो सबसे पहले तो 2 से 3 बार देशी हल से जुताई कर लें और उसके बाद 1 से 2 बार कल्टीवेटर या हैरो से जुताई करने के बाद उसमें पाटा या पटेला जरूर चला दें ताकि मिट्टी भुरभरी हो जाये.

बीज और बुवाई

बारिश में भिंडी की फसल लगाते समय किसी ऐसी किस्म या वैरायटी का चुनाव करें जो बारिश के मौसम के अनुकूल हो उसके लिए आप Pusa Sawani, Arka Anamika, या Varsha Uphar जैसी किस्मों को चुन सकते हैं आप इन किस्मों में से किसी भी किस्म के लिए 4 से 6 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से बीज बो सकते हैं  और बीज बुवाई करते समय यह जरूर ध्यान दें कि लाइन से लाइन की दूरी 45 से 60 सेंटीमीटर हो और पौधों से पौधों की दूरी 15 से 30 सेंटीमीटर हो और बीज बोन की गहराई 1 से 2 सेंटीमीटर हो. लेकिन आप भिंडी की वैरायटी का चुनाव करते समय यह जरूर ध्यान दें कि वह किस्म आपके छेत्र की जलवायु और मिट्टी के अनुकूल है या नहीं!

खाद और सिंचाई 

अगर आपके पास उपलब्ध हो तो खेत की तैयारी के समय 3 से 4 ट्राली सड़ी हुई गोबर की खाद खेत में फैला दें और नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश के मिश्रण वाली खाद भी जरुरत के अनुसार खेत में डाल दें और अगर सिंचाई की बात करें तो बारिश के मौसम में आमतौर पर सिंचाई की जरुरत नहीं पड़ती है लेकिन अगर किसी कारणवश बारिश न हो रही हो तो हलकी सिंचाई जरुरु कर देनी चाहिए.

खरपतवार, रोग और कीट

बारिश के मौसम में खरपतवार बहुत परेशान करते हैं और उनके नियंत्रण के लिए आप शुरुआत में निराई गुड़ाई करें लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पौधों की जड़ें न काटने पाएं और इस मौसम में कीट और रोगों का अटैक भी बहुत होता है जिनमें फफूंद जनित रोग और कीट बहुत लगते हैं और सूंडी, तना बेधक आदि कीड़े भी बहुत नुकसान पहुँचाते हैं इसलिए इनके नियंत्रण के लिए आप नीम तेल, ट्रैप आदि का इस्तेमाल अधिक करें बजाय रसायनों के ताकि आपकी भिंडी की क्वालिटी अच्छी हो और इसका बाज़ार भाव अच्छा मिले.

कटाई और उपज 

जैसा कि आप जानते हैं कि भिंडी लगभग 45 से 60 दिनों में परिपक्व होने लगती है और इसे तोड़कर बाजार भेजा जाने लगता है और इसका उत्पादन करीब 70 क्विंटल तक मिल जाता है और अगर आपने कहीं इसकी देख रेख सही ढंग से कर दी तो आप इसका उत्पादन 100 क्विंटल तक भी पा सकते हैं.

बारिश में भिंडी की खेती के लिए महत्वपूर्ण टिप्स

अगर आप इस मौसम में भिंडी की खेती कर रहे हैं तो आपके लिए कुछ बहुत महत्वपूर्ण टिप्स हैं जो आपको अपनानी चाहिए. 

  • सबसे पहले आपको ऐसे खेत को चुनना चाहिए जो बराबर हो और अगर ऐसा खेत न हो तो उसे लेवलर की मदद से बराबर करा लेना चाहिए.
  • खेत में मेड़ और नाली बनाकर ही भिंडी के पौधे लगाने चाहिए ताकि खेत में पानी भरने की अवस्था में पौधों को कम से कम नुकसान हो.
  • और अगर आपके खेत में किसी कारण से पानी भर गया हो तो उसे निकालने का प्रयास जल्द जल्द करना चाहिए.
  • और समय समय पर खेत से खरपतवार हटाते रहना चाहिए.

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अधिक कमाई कैसे करें

अधिक कमाई करने के लिए आप सबसे पहले भिंडी को उसकी मुलायम अवस्था में ही तुड़वा लें ताकि भिंडी कड़ी (टाइट) न होने पाए उसके बाद जब भिंडी की तुड़ाई हो जाये तो उसके बाद उनकी अच्छे से छंटाई कर लेनी चाहिए और बाद में बड़े बड़े पैकेटों में डाल करके उनको बाज़ार पहुंचा दें इससे आप अन्य किसानों की तुलना में अधिक पैसा कमा सकेंगे.

बरसाती भिंडी की खेती (वीडियो) ⏫

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